मैं अबरार खान आपका स्वागत करता हूं अपने इस ब्लॉग पर, आपको यहां बहुत ही खूबसूरत शायरियों का कलेक्शन मिलेगा। मैं आशा करता हूं आपको ये शायरियां पसंद आयेगी। अगर आपको मेरी शायरियां अच्छी लगती है तो कमेन्ट करके जरूर बताए धन्यवाद।
मेरे कलम से लफ्ज़ खो गए शायद,
आज वो भी दूर हो गए शायद,
जब नींद खुली तो पलकों में पानी था,
मेरे ख्वाब मुझपे रो गए शायद।
बदलना आता नही हमे मौसम की तरह,
हर एक रुत में तेरा इंतज़ार करते है,
ना तुम समझ सकोगे जिसे कयामत तक,
कसम तुम्हारी तुम्हे हम इतना प्यार करते है।
जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था।
खता हो गयी तो फिर सज़ा सुना दो,
दिल में इतना दर्द क्यूँ है वजह बता दो,
देर हो गयी याद करने में जरूर,
लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल मिटा दो।
सिर्फ सांसे चलते रहने को ही ज़िन्दगी नही कहते,
आँखों में कुछ ख़्वाब और दिल में उम्मीदे होना जरूरी है।
आया ही था ख्याल कि आँखें छलक पड़ीं,
आँसू किसी की याद के कितने करीब हैं।
मेरे कलम से लफ्ज़ खो गए शायद,
आज वो भी दूर हो गए शायद,
जब नींद खुली तो पलकों में पानी था,
मेरे ख्वाब मुझपे रो गए शायद।
बदलना आता नही हमे मौसम की तरह,
हर एक रुत में तेरा इंतज़ार करते है,
ना तुम समझ सकोगे जिसे कयामत तक,
कसम तुम्हारी तुम्हे हम इतना प्यार करते है।
जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था।
खता हो गयी तो फिर सज़ा सुना दो,
दिल में इतना दर्द क्यूँ है वजह बता दो,
देर हो गयी याद करने में जरूर,
लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल मिटा दो।
सिर्फ सांसे चलते रहने को ही ज़िन्दगी नही कहते,
आँखों में कुछ ख़्वाब और दिल में उम्मीदे होना जरूरी है।
आया ही था ख्याल कि आँखें छलक पड़ीं,
आँसू किसी की याद के कितने करीब हैं।
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