मैं अबरार खान आपका स्वागत करता हूं अपने इस ब्लॉग पर, आपको यहां बहुत ही खूबसूरत शायरियों का कलेक्शन मिलेगा। मैं आशा करता हूं आपको ये शायरियां पसंद आयेगी। अगर आपको मेरी शायरियां अच्छी लगती है तो कमेन्ट करके जरूर बताए धन्यवाद।
एक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गयी,
मुझे फिर से आज जीने की वजह मिल गयी।
कभी सीने से लगा कर मेरे दिल की धड़कन तो सुनो,
जो हर पल तुम्हारा ही नाम लेती है।
लफ्जों की बनावट मुझे नहीं आती,
मुझे तुमसे मोहब्बत है सीधी सी बात है।
उसी की तरह मुझे सारा जमाना चाहे,
वो मेरा होने से ज्यादा मुझे पाना चाहे।
रूह तक नीलाम हो जाती है इश्क के बाजार में,
इतना आसान नहीं होता किसी को अपना बना लेना।
चैन मिलता था जिसे आ कर मेरी पनाहों में,
आज देता है वही अश्क मेरी निगाहों में।
किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,
किस मंजिल को पाना है ये किसे मालूम है।
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,
किस रोज बिछड़ जायें ये कौन जानता है।
तेरे इश्क में इस तरह मैं नीलाम हो जाऊं,
आखिरी हो तेरी बोली और मैं तेरे नाम हो जाऊं।
हथेलियों पर मेंहदी का जोर ना डालिये,
दब के मर जायेगी लकीरें मेरे नाम की।
एक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गयी,
मुझे फिर से आज जीने की वजह मिल गयी।
कभी सीने से लगा कर मेरे दिल की धड़कन तो सुनो,
जो हर पल तुम्हारा ही नाम लेती है।
लफ्जों की बनावट मुझे नहीं आती,
मुझे तुमसे मोहब्बत है सीधी सी बात है।
उसी की तरह मुझे सारा जमाना चाहे,
वो मेरा होने से ज्यादा मुझे पाना चाहे।
रूह तक नीलाम हो जाती है इश्क के बाजार में,
इतना आसान नहीं होता किसी को अपना बना लेना।
चैन मिलता था जिसे आ कर मेरी पनाहों में,
आज देता है वही अश्क मेरी निगाहों में।
किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,
किस मंजिल को पाना है ये किसे मालूम है।
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,
किस रोज बिछड़ जायें ये कौन जानता है।
तेरे इश्क में इस तरह मैं नीलाम हो जाऊं,
आखिरी हो तेरी बोली और मैं तेरे नाम हो जाऊं।
हथेलियों पर मेंहदी का जोर ना डालिये,
दब के मर जायेगी लकीरें मेरे नाम की।
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