मैं अबरार खान आपका स्वागत करता हूं अपने इस ब्लॉग पर, आपको यहां बहुत ही खूबसूरत शायरियों का कलेक्शन मिलेगा। मैं आशा करता हूं आपको ये शायरियां पसंद आयेगी। अगर आपको मेरी शायरियां अच्छी लगती है तो कमेन्ट करके जरूर बताए धन्यवाद।
डर मुझे भी लगा फासला देखकर,
पर मैं बढता गया रास्ता देखकर,
खुद बा खुद मेरे नजदीक आती गयी,
मेरी मंजिल, मेरा होसला देखकर।
लम्हां लम्हां किया इंतजार जिस लम्हें का,
वो लम्हां आया तो भी एक लम्हें के लिए।
सुना है लड़कियों को निहारने से बंदे की उम्र बढ़ जाती है,
मुझे तो डर है की कहीं में अमर ना हो जाऊं।
मुझे उससे कोई शिकवा नही ना ही गिला है,
मेरे दर्द की अब न ही कोई दवा है,
बहुत आँसू बहाये है उसके लिए,
जिसे खुदा ने मेरे लिये बनाया ही नही है।
ना जाने कैसा रिश्ता है इस दिल का तुझसे,
ये धड़कना भूल सकता है पर तेरा नाम नहीं।
छोटे से सवाल पर इतनी ख़ामोशी क्यों ऐ जान,
बस यही तो पूछा की भूल गए हो या भुला रहे हो।
रुलाने तो सब आयेंगे हँसाने कौन आएगा,
कहीं मजबूरियां होंगी कही तन्हाईयाँ होंगी,
तुम्हें हर मोड़ पे रास्ता दिखाने कौन आएगा,
रुलाने तो सब आयेंगे हँसाने कौन आएगा।
डर मुझे भी लगा फासला देखकर,
पर मैं बढता गया रास्ता देखकर,
खुद बा खुद मेरे नजदीक आती गयी,
मेरी मंजिल, मेरा होसला देखकर।
लम्हां लम्हां किया इंतजार जिस लम्हें का,
वो लम्हां आया तो भी एक लम्हें के लिए।
सुना है लड़कियों को निहारने से बंदे की उम्र बढ़ जाती है,
मुझे तो डर है की कहीं में अमर ना हो जाऊं।
मुझे उससे कोई शिकवा नही ना ही गिला है,
मेरे दर्द की अब न ही कोई दवा है,
बहुत आँसू बहाये है उसके लिए,
जिसे खुदा ने मेरे लिये बनाया ही नही है।
ना जाने कैसा रिश्ता है इस दिल का तुझसे,
ये धड़कना भूल सकता है पर तेरा नाम नहीं।
छोटे से सवाल पर इतनी ख़ामोशी क्यों ऐ जान,
बस यही तो पूछा की भूल गए हो या भुला रहे हो।
रुलाने तो सब आयेंगे हँसाने कौन आएगा,
कहीं मजबूरियां होंगी कही तन्हाईयाँ होंगी,
तुम्हें हर मोड़ पे रास्ता दिखाने कौन आएगा,
रुलाने तो सब आयेंगे हँसाने कौन आएगा।
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