मैं अबरार खान आपका स्वागत करता हूं अपने इस ब्लॉग पर, आपको यहां बहुत ही खूबसूरत शायरियों का कलेक्शन मिलेगा। मैं आशा करता हूं आपको ये शायरियां पसंद आयेगी। अगर आपको मेरी शायरियां अच्छी लगती है तो कमेन्ट करके जरूर बताए धन्यवाद।
तेरे सजदों में मैं हूं मेरी दुआओं में तुम हो,
फासलें भी हैरान है नज़दीकियां देखकर।
सूजी आँखें, नंगे पांव, बाल ज़रा बिखरे हैं,
आ देख तेरे इश्क़ में हम कैसे निखरे हैं।
वादा करते हैं आपसे हमेशा दोस्ती निभाएंगे,
कोशिश यही रहेगी आपको नहीं सतायेंगे,
जरूरत कभी पड़े तो दिल से पुकार लेना,
किसी और के दिल में होंगे तो भी चले आएंगे।
तन्हाई में अकेलापन सहा जायेगा,
लेकिन महफ़िल में अकेले रहा न जायेगा,
आपका साथ न हो तो भी जी लेंगे,
पर साथ आपके कोई और हो तो सहा न जायेगा।
ज़िन्दगीं में किसी का साथ काफ़ी है,
हाथों में किसी का हाथ काफ़ी है,
दूर हो या पास फ़र्क नहीं पड़ता,
प्यार का तो बस एहसास काफ़ी है।
आज उसने हमें एक और दर्द दिया तो हमें याद आया,
कि दुआओं में हमने ही तो उसके सारे दर्द मांगे थे।
ऐसे माहौल में दवा क्या है दुआ क्या है,
जहां कातिल ही खुद पूछे कि हुआ क्या है।
तेरे सजदों में मैं हूं मेरी दुआओं में तुम हो,
फासलें भी हैरान है नज़दीकियां देखकर।
सूजी आँखें, नंगे पांव, बाल ज़रा बिखरे हैं,
आ देख तेरे इश्क़ में हम कैसे निखरे हैं।
वादा करते हैं आपसे हमेशा दोस्ती निभाएंगे,
कोशिश यही रहेगी आपको नहीं सतायेंगे,
जरूरत कभी पड़े तो दिल से पुकार लेना,
किसी और के दिल में होंगे तो भी चले आएंगे।
तन्हाई में अकेलापन सहा जायेगा,
लेकिन महफ़िल में अकेले रहा न जायेगा,
आपका साथ न हो तो भी जी लेंगे,
पर साथ आपके कोई और हो तो सहा न जायेगा।
ज़िन्दगीं में किसी का साथ काफ़ी है,
हाथों में किसी का हाथ काफ़ी है,
दूर हो या पास फ़र्क नहीं पड़ता,
प्यार का तो बस एहसास काफ़ी है।
आज उसने हमें एक और दर्द दिया तो हमें याद आया,
कि दुआओं में हमने ही तो उसके सारे दर्द मांगे थे।
ऐसे माहौल में दवा क्या है दुआ क्या है,
जहां कातिल ही खुद पूछे कि हुआ क्या है।
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