हिंदी शायरी : हमें क्या पता था मुझे भूल जाना भी तेरी एक ख्वाहिश है

मैं अबरार खान आपका स्वागत करता हूं अपने इस ब्लॉग पर, आपको यहां बहुत ही खूबसूरत शायरियों का कलेक्शन मिलेगा। मैं आशा करता हूं आपको ये शायरियां पसंद आयेगी। अगर आपको मेरी शायरियां अच्छी लगती है तो कमेन्ट करके जरूर बताए धन्यवाद।
आँखों मे किसी सपने ने आना छोड़ दिया,
होठो पर अब हंसी ने भी आना छोड़ दिया,
अब तो हिचकियाँ भी नही आती,
शायद आपने याद करना ही छोड़ दिया।
अब भी ताज़ा है ज़ख़्म सीने में,
बिन तेरे क्या रखा है जीने में,
हम तो ज़िंदा हैं तेरा साथ पाने को,
वरना देर कितनी लगती है ज़हर पीने में।
ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने,
है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने,
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर,
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने।
मेरी रूह में न समाती तो भूल जाता तुम्हे,
तुम इतना पास न आती तो भूल जाता तुम्हे,
यह कहते हुए मेरा ताल्लुक नहीं तुमसे कोई,
आँखों में आंसू न आते तो भूल जाता तुम्हे।
भूलकर हमें अगर तुम रहते हो सलामत,
तो भूल के तुमको संभालना हमें भी आता है,
मेरी फ़ितरत में ये आदत नहीं है वरना,
तेरी तरह बदल जाना मुझे भी आता है।

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