मैं अबरार खान आपका स्वागत करता हूं अपने इस ब्लॉग पर, आपको यहां बहुत ही खूबसूरत शायरियों का कलेक्शन मिलेगा। मैं आशा करता हूं आपको ये शायरियां पसंद आयेगी। अगर आपको मेरी शायरियां अच्छी लगती है तो कमेन्ट करके जरूर बताए धन्यवाद।
चले जायेंगे चुपचाप एक दिन तेरी दुनिया से,
प्यार की कदर करना किसे कहते हैं ये तुझे वक्त सीखा देगा।
बैठे थे अपनी मस्ती में कि अचानक तड़प उठे,
आकर तुम्हारी याद ने अच्छा नहीं किया।
वादों से बंधी जंजीर थी जो तोड़ दी मैंने,
अब से जल्दी सोया करेंगे मोहब्बत छोड़ दी मैंने।
ख्वाहिश जिंदगी की बस इतनी सी है अब मेरी,
कि साथ तेरा हो और जिंदगी कभी खत्म न हो।
उठाकर फूल की पत्ती उसने बड़ी नजाकत से मसल दिया,
इशारों में ही कह दिया कि हम दिल का भी यही हाल करते हैं।
एहसान किसी का रखते नहीं मेरा भी लौटा दिया,
जितना खाया था नमक मेरे ही जख्मों पर लगा दिया।
ख्वाहिशें तो आज भी चाहती हैं बगावत करना,
मगर सीख लिया है मैंने हर बात को सीने में दफन करना।
देखना है क्या गुल खिलाता है जूनून,
आज गुलशन की तरफ है दीवाने का रुख।
मुझे सुलाने की खातिर जब रात आती है,
हम सो नहीं पाते रात खुद सो जाती है।
पूछने पर दिल से ये आवाज आती है,
आज दोस्त को याद कर ले रात तो रोज आती है।
चले जायेंगे चुपचाप एक दिन तेरी दुनिया से,
प्यार की कदर करना किसे कहते हैं ये तुझे वक्त सीखा देगा।
बैठे थे अपनी मस्ती में कि अचानक तड़प उठे,
आकर तुम्हारी याद ने अच्छा नहीं किया।
वादों से बंधी जंजीर थी जो तोड़ दी मैंने,
अब से जल्दी सोया करेंगे मोहब्बत छोड़ दी मैंने।
ख्वाहिश जिंदगी की बस इतनी सी है अब मेरी,
कि साथ तेरा हो और जिंदगी कभी खत्म न हो।
उठाकर फूल की पत्ती उसने बड़ी नजाकत से मसल दिया,
इशारों में ही कह दिया कि हम दिल का भी यही हाल करते हैं।
एहसान किसी का रखते नहीं मेरा भी लौटा दिया,
जितना खाया था नमक मेरे ही जख्मों पर लगा दिया।
ख्वाहिशें तो आज भी चाहती हैं बगावत करना,
मगर सीख लिया है मैंने हर बात को सीने में दफन करना।
देखना है क्या गुल खिलाता है जूनून,
आज गुलशन की तरफ है दीवाने का रुख।
मुझे सुलाने की खातिर जब रात आती है,
हम सो नहीं पाते रात खुद सो जाती है।
पूछने पर दिल से ये आवाज आती है,
आज दोस्त को याद कर ले रात तो रोज आती है।
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